Monday, March 21, 2011

क्या तुमने कभी देखा है ......अरशद अली की एक कविता


क्या तुमने कभी देखा है ......
नए ज़न्मे बच्चे को देखते हुए
माँ-बाप को
उसमे जो दिखता है ...
वो ख़ुशी है

और ख़ुशी गम को दूर कर देती है

क्या तुमने कभी देखा है
घोड़ों को सपाट धरती पर
दौड़ते हुए
उसमे जो दिखता है ...
वो स्फूर्ति है

और स्फूर्ति आलस को दूर कर देती है.

क्या तुमने कभी देखा है ...
बरसात में अन्कुराते हुए
नए बीजों को
उसमे जो दिखता है
वो ज़िन्दगी है

और ज़िन्दगी मौत को करीब कर देती है.



प्रस्तुतिकर्ता  जयराम

2 comments:

Jay said...
This comment has been removed by the author.
Arshad Ali said...

जय राम बाबु,
सबसे पहले आपने अपना ब्लॉग बनाया इसके लिए मै आपका धन्यवाद करना चाहूँगा ..
दूसरी बात आपने पहले पोस्ट के लिए मेरे कविता को चुना ....मुझे बहुत अच्छा लगा

आपसे आग्रह है पोस्ट लिखते रहिएगा
और अपने ब्लॉग को हमारिवानी पर ज़रूर डालियेगा